प्रतिवर्ष नवरात्रि का पूजन दो बार किया जाता है- चैत्र नवरात्रि व शरदीय नवरात्रि। वर्ष में दो बार सूर्य की परिक्रमा करने वाली पृथ्वी अपनी रीति बदलती है- इसी दौरान आते हैं नवरात्रि।
आयुर्वेदानुसर जानते हैं इस समय व्रत करने का कारण व नियम –
पृथ्वी के रुख़ बदलने से सूर्य व चंद्रमा की किरणों के प्रभाव के कारण ही मौसमी बदलाव आते हैं, व हमारे शरीर की क्रियाएँ बदलती हैं। हमारा शरीर इस मौसमी बदलाव के सात्मय न होने के कारण रोगोत्पत्ति करता है, इसलिए इस समय ऋतुसंधि में बताए गए नियमों का पालन करना अत्यावश्यक होता है।
शरदीय नवरात्रि (सितम्बर-ऑक्टोबर) –
जब गर्मी के मौसम से सर्दी के मौसम में बदलाव आता है, तब आते हैं शरदीय नवरात्रि। इस मौसम में पित्त व कफ बढ़ा हुआ रहने के कारण अक्सर सर्दी, खांसी, नज़ला, BP व cholesterol की बीमारी, thyroid का स्तर बिगड़ना, मोटापा बढ़ना – यह सब देखने में आता है।
ऋतुसंधि के नियमानुसार पिछली ऋतु के आचरण को 7 दिन में धीरे-धीरे छोड़ना चाहिए व आने वाली ऋतु के आचरण को अगले 7 दिनों में धीरे-धीरे अपनाना चाहिए, आहार व निद्रा को नियमित रखना चाहिए व अब्रह्मचार्य का त्याग करना चाहिए।
क्यों रखें नवरात्रि के व्रत –
व्रत की सही परिभाषा यही है कि अपने स्वभाव व आचरण पर नियमन रखना, अपने शरीर व मानसिक शुद्धि के लिए संकल्प लेना व उपवास करना। उपवास के समय मानसिक स्थिरता के कारण चंचल मन एकाग्र होकर ईश्वर की वंदना करने में समर्थ होता है। सभी धर्मों में किसी ना किसी रूप से व्रत-पालन किया जाता है।
उपवास की स्थिति में शरीर में अलसीभूत आम को शरीर से निकलने का अवसर मिलता है, इससे शारीरिक शुद्धि होती है और मन शांति को प्राप्त करता है।
शरदीय उपवास किस प्रकार रखने चाहिए?
गरम तासीर व अम्लीय पदार्थ का सेवन अधिक ना करते हुए क्षारीय पदार्थों (जैसे अधिकतर फ़ल, मावा, सब्ज़ी में- कद्दू, कच्चा पपीता, कच्चा केला, लौकी, परवल इत्यादि) का सेवन अधिक करें।
इस समय में जल व जलीय पदार्थों के अधिक सेवन से शरीर में वृद्ध पित्त का शमन होता है व शरीर की पुष्टि होती है।
देखते हैं नवरात्रि के 9 दिनों को 3 भाग में बाँटकर किस प्रकार शरीर व मन की शुद्धता का ध्यान रखा जा सकता है-
प्रथम 3 दिन- शुद्धिकरण
शरीर व मन की शुद्धि के लिए
- रोज़मर्रा की ज़िंदगी में जब भूख लगती है, या नहीं लगती, मनुष्य चिंतित होता है तो आहार ग्रहण करता है।
- इस कारण आहार का सही पाचन नहीं हो पाता है। मन में क्रोध, अहंकार, लोभ, मोह, भय, टालमटोल करने की भावना को निकालने व आँतो से मल के निष्कासन के लिए इन दिनों में केवल फ़ल व सब्ज़ियों के जूस पर निर्भर रहें।
- (Minimum) 10 मिनट ईश्वर की उपासना में ध्यान को केंद्रित करते हुए अपने मन की नकारात्मकता को सदा के लिए निकालने की प्रार्थना करें।
- उत्तरोत्तर दिनों में लघु भोजन से धीरे धीरे गुरु आहार ग्रहण करें।
- इस प्रकार पाचक अग्नि का ध्यान रखते हुए शरीर की शुद्धि होती है।
मध्यम 3 दिन- पोषण
शरीर के पोषण व मन की स्थिरता के लिए
- शरीर के लिए लाभकारी तत्वों से भरपूर समा, राजगीरा (चौलाई), कुट्टू, सिंघाड़ा इत्यादि का प्रयोग करें। यदि आप व्रत का यह भोजन न करना चाहें, तब भी आप मूँग दाल खिचड़ी व मूँग दाल सूप व फलों से अपने शरीर का पोषण कर सकते हैं।
- ध्यान देने वाली केवल यह बात है कि आप क्या और किस समय में किस चीज़ को ग्रहण कर रहे हैं।
- मन को ईश्वर की उपासना में लगाते हुए उनके शुकराने करिए कि उन्होंने हमारे अंदर के अवगुणों व नकारात्मक सोच को निकाल दिया है, और यह प्रार्थना करिए कि वे इस रिक्त स्थान को शुद्ध, सकारात्मक विचारों से भरें, व सब प्रणीयों के लिए प्रेम भाव दें।
- ईश्वर के प्रति समर्पण दें।
अन्त के 3 दिन- स्वस्थिकरण
शरीर की ऊर्जा, ओज, जीवन शक्ति
- vitality, रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए और मन को प्रगति की ओर अग्रसर करने के लिए इन दिनों में खीर व घी जैसे पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
- मन में अपने जीवन के लक्ष्य को धारण कर ध्यान की स्तिथि में अपने आप से यह महसूस करें कि आपका जीवन लक्ष्य आपको प्राप्त हो चुका है और उस समय की प्रफुल्लता का अनुभव अभी करें।
Day-1
- आहार- लौकी, परवल, कद्दू का जूस- दिन में 2 बार।
- Coconut water- नारियल पानी।
- साधारण पानी।
- ताज़ा फलों में जूस- मौसम्बी, अनार, अनानास।
- मानसिक- शुद्ध विचारों के संकल्प से नकारात्मक सोच, व बुरी आदतें व मन के दोषों से मुक्ति।
Day-2
- Vegetable soup- लौकी, परवल, कद्दू सूप दोपहर में ले सकते हैं।
- प्रथम दिन के आहार नियम के साथ।
Day-3
- कुट्टू, राजगिरा, सिंघाड़े के आटे का सूप सब्ज़ियों के साथ दोपहर में ले सकते हैं।
- प्रथम व द्वितीय दिन के नियमानुसार नाश्ता व रात का भोजन लें।
Day-4
- आहार- नाश्ता- ताज़ा फ़ल, ताज़ा फ़लों का जूस, नारियल पानी।
- कूट्टू, सिंघाड़े के आटे का सूप या राजगिरा या समा के दाने की खिचड़ी- सब्ज़ियों के साथ (लौकी, परवल, कद्दू) + सेंधा नमक, जीरा केवल उबालें।
- तैयार होने के बाद एक-दो चम्मच गाय का घी ऊपर से डालें। घी इस प्रकार ग्रहण करने से शरीर की पुष्टि होती है, मोटापा नहीं बढ़ता।
- शाम के समय- भिगोए हुए मावा।
- 1 कप दूध।
- मानसिक- सकारात्मक विचारों को अपनाएँ।
- ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे हमें सद्गुण देकर एक अच्छा मनुष्य बनाएँ।
Day-5
- Day – 4 वाला आहार व मानसिक आचरण अपनाएँ।
- vegetable सूप
Day-6
- Day -4 वाला आचरण रखते हुए दोपहर में कूट्टू या सिंघाड़े के आटे की रोटी उपरोक्त बताये vegetable सूप के साथ ले सकते हैं।
Day – 7
नाश्ते के समय smoothie बना सकते हैं-
- आँवला, अनार, केला, कद्दू, खजूर, अंजीर, बादाम
- अपने शरीर के अनुसार इनमें से कोई तीन या चार पदार्थ ले कर, 1/4 कप पानी + 1/2 कप दूध मिला सकते हैं। (चीनी का प्रयोग ना करें)
दोपहर- समा या राजगिरा की हल्की गाढ़ी खिचड़ी (+ ऊपर से 1-2 चम्मच घी)
शाम को- भिगोए हुए मावा + दूध
मानसिक- मन में जीवन के लक्ष्य को धारण करें व यह महसूस करें कि वह आपको प्राप्त हो गया है।
Day-8
- पहले जैसा आचरण करते हुए शाम को साबूदाना की खीर ले सकते हैं।
- आत्मोन्नति के लिए अच्छी किताबें पढ़ें।
- अपने जीवन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कुशलता प्राप्त करें।
Day-9
- पहले जैसा आचरण करते हुए शाम को साबूदाना खीर में मावा भी डालें।
इस प्रकार शारीरिक व मानसिक शुद्धता को प्राप्त करके कोशिश रखें कि अश्विन व कार्तिक मास में यही आहार विहार रखें।
अपनी युक्ति अनुसार इस नियम में बदलाव कर सकते हैं।
कौन यह उपवास ना रखें-
- बालक
- वृद्घ
- गर्भवती महिला
- व्याधि के कारण अतिदूर्बल
इन दिनों क्या बिलकुल ना खाएँ-
- तला हुआ- व्रत की पूरी, पापड़
- व्रत के तरह-तरह के व्यंजन
- दही
- तेल
अति उत्तम , ज्ञानवर्धक एवं कल्याणकारी आर्टिकल है
आपके तहे दिल से अनंत शुकराने हैं
Gurubhagwan ji ke anant anant sukrane hai??Very very informative??
This is so informative and useful! thank you so much for this article!! Guru bhagwan ji ke anant anant shukrane hain ??
Radhey Radhey bhagwan ji
Guru bhagwan ji aapke anant shukrane . Apne batya ki kaise hum Navratri me apne man , sharir aur budhi ko shudh kar sakte hai . Navratri ke day 1 se lekar day 9 tak ka pura diet plan diya . Shukrane hai aapke jo aap hum sabki itni sambhal karte hai .
Anant anant shukrane hai guru bhagwan ji aapke .
Guru bhgvanji aapne bhut hi ache tareeke se btaya kaise hm apne ahaar ko control kr skte h, kaise hum apne sharir ko shant rkh bhgvna me mann lga skte h jitna shant hmara andr rhega utna hi hmara dhiyan parmatma me lagega.. Ab try krengy ki yhi Navratri ka schedule follow kre!!! Itni deep knowledge abt weather change and 7 -7 logic jo aapne btaya ,ye aisa tha jo naya tha hme ni pta tha, Aapke prem k anant anant shukrane ki aap hmari knowledge increase krate rhte h.
Food is very very important part of our daily routine..so we mst know how to consume the food according to weather. It is very informative nd intersting article regarding food during navratre days.shukarne guru bhagwanji ??
Bhagwaan ji aapne navratre aur badlte Mausam ke baare me jo bataya wo bahut hi uttam jaankari hai. Hum jarur follow karenge. Apne man aur swabhaav ko kaise navratri me sudh kare. Guru Bhagwaan aur Guru maa ko hriday se naman hai
नवरात्रि के दिनों की अति उत्तम जानकारी के लिये आभार व्यक्त करती हूँ ।
Day 1 to Day 9 का schedule बहुत सुन्दर लगा ।
मौसम के बदलाव के साथ साथ आहार में परिवर्तन के points valuableहै ।
Vitality बडाने के लिए जो सूप बताये गये हैं, वो जरूर बनायेगे।
इस precious article कोread करके बहुत सीखने को मिला।
अनंत अनंत शुकराने है गुरु भगवान जी ।
Guru bhagwanji ke anant shukarane ??
Guru bhagwanji aap ke prem k anant anant shukrane hai navratri fast information,aapko hirday s naman h.
Guru bhagwanji ke Shukrane hai jinhone navratri vrat ka mahatva bataya ki kaise ham apne sharir ,mann aur buddhi ki Shuddhi kar sakte hai aur badalte huye mausam ke liye khud ko taiyar karte hai . Guru bhagwanji aap hamari har tarh se sambhal karte hai . Apke anant anant shukrane hai
Guru bhagvan ji ke bahut bahut shukrane hae.Badaltey musam mae bahut achhe jankari hae.
Guru bhagwan ji ki aseem kripa se vrat v mausam k karan badlav aur days k hisab se kya kya lena hai pata chala. Aap k prem k anant shukrane hain.
Shukrane bhagvaanji itna aacha diet plan dene ke liye aur navratri ka matlab samjhane ke liye.
Guru bhagwanji ke anant shukarane. Radhey radhey bhagwanji. Aapne navratri ki itni saari jaankari do , vrat ke bataya . Saare dino ka diet plan bataya . Apke anant anant shukarane hain.
Radhey Radhey Bhagwan ji anant anant shukrane ??
Shukrane bhagwan ji for Navraatri fast information ????
Guru bhagwanji ke anant anant shukrane. Nice information regarding reason for keeping vrat also how to follow it.
A very disciplined routine to follow. Good information about weather, fast and it’s changed on our body.
Guru maa ji ke anant anant shukrane hai
Jinhone hume upvaas ke baare me bahut acchi tarah se bataya ki kb kya lena chayiye or day by day ke baare me kram se bataya
Or yah bhi bataya ki isse humari shuddi hoti hai
Guru maa ji ko koti koti naman hai ??
Shukrane bhagwanji for such informative article, navratri k tym body mrin kya changes aate h hume kya khana chahiye kya nhi khana chahiye aur weather change a asar sab kuchh kaafi ache se samjhaya gya h article mein. Shukrane