This article has been taken from Kalyan (कल्याण) monthly magazine march 2024.
1. अजीर्णे भोजनं विषम्।
अजीर्ण के समय भोजन करना विषके समान होता है।
If Previously taken Lunch is not digested taking Dinner will be equivalent to taking Poison. Hunger is one signal that the previous food is digested.
2. अर्धरोगहरी निद्रा।
निद्रा आधे रोग का हरण कर लेती है।
Proper sleep cures half of the diseases.
3. मुद्गदाली गदव्याली।
मूँग की दाल रोगों का वैसे ही नाश कर देती है, जैसे सर्पिणी मनुष्यका।
Of all the Pulses, Green grams are the best. It boosts immunity. Other Pulses all have one or the other side effects.
4. अति सर्वत्र वर्जयेत् ।
किसी भी कार्य में अति वर्जित है।
Anything consumed in Excess, just because it tastes good, is not good for Health. Be moderate.
5. नास्ति मूलमनौषधम् ।
जो औषध न हो सके, ऐसी कोई वनस्पति नहीं है।
There is no Vegetation that has no medicinal benefit to the body.
6. न वैद्यः प्रभुरायुषः ।
चिकित्सक आयुका स्वामी नहीं होता अर्थात् वह किसीको जीवन देनेमें सक्षम नहीं है।
No Doctor is capable of giving longevity. (Doctors have limitations)
7. चिंता व्याधिप्रकाशाय ।
चिन्ता रोगों को जन्म देती है।
Worry aggravates ill-health.
8. व्यायामश्च शनैः शनैः ।
व्यायाम धीरे-धीरे ही किया जाना चाहिये ।
Do any Exercise slowly. (Speedy exercise is not good.)
9. अजवत् चर्वणं कुर्यात् ।
भोजन वैसे ही खूब चबाकर करना चाहिये, जैसे बकरा चबाता है ।
Chew your food like a goat. (Never Swallow food in a hurry. Saliva aids first in digestion.)
10. स्नानं नाम मनः प्रसाधनकरं दुःस्वप्न-विध्वंसनम् ।
स्नान मनको प्रसन्न करने वाला तथा अनिष्ट स्वप्नों (अथवा अव्यवस्थित निद्राजन्य कष्ट)-का विनाशक होता है ।
Bath removes Depression. It drives away Bad dreams.
11. न स्नानमाचरेद् भुक्त्वा ।
भोजन करनेके पश्चात् (तत्काल ही) स्नान न करें ।
Never take bath immediately after taking Food. (Digestion is affected)
12. नास्ति मेघसमं तोयम् ।
बरसात के जल के समान उत्तम, गुणवर्धक अन्य नहीं होता ।
No water matches Rainwater in purity.
13. अजीर्णे भेषजं वारि ।
अपच होने की स्थिति में जल औषधितुल्य है।
When there is indigestion taking plain water serves like medicine.
14. सर्वत्र नूतनं शस्तं, सेवकान्ने पुरातने ।
सभी वस्तुएँ नयी होने पर ही प्रशंसनीय हैं, किंतु सेवक और अनाज- ये पुराने होने पर ही प्रशंसनीय होते हैं।
Always prefer things that are fresh. Whereas Rice and Servant are good only when they are old.
15. नित्यं सर्वे रसा भक्ष्याः ।
भोजन में सब प्रकार के अर्थात् मधुर, अम्ल, लवण, कटु कषाय तथा तिक्त—ये छेयों रस समावेश के योग्य होते हैं।
Take the food that has all six tastes. (viz: Salt, Sweet, Bitter, Sour, Astringent and Pungent).
16. जठरं पूरयेदर्धम् अन्नैर्, भागं जलेन च ।
वायोः संचरणार्थाय चतुर्थमवशेषयेत् ॥
उदर का आधा भाग भोजन से और चौथाई भाग जल से पूर्ण करना चाहिये तथा बाकी चौथे भाग को वायु के संचार हेतु खाली छोड़ देना चाहिये ।
Fill your stomach half with solids, a quarter with Water and rest leave it empty.
17. भुक्त्वा शतपदं गच्छेद् यदीच्छेत् चिरजीवितम् ।
यदि मनुष्य को चिर जीवन की कामना हो तो वह भोजन के उपरान्त सौ कदम अवश्य चलें ।
Never sit idle after taking food. Walk for at least half an hour.
18. क्षुत्साधुतां जनयति ।
भूख ही भोजनको सुस्वादु बनाती है ।
Hunger increases the taste of food. In other words, eat only when hungry.
19. चिंता जरा नाम मनुष्याणाम् ।
चिन्ता मनुष्योंका बुढ़ापा है ।
Worrying speeds up ageing.
20. शतं विहाय भोक्तव्यं, सहस्त्रं स्नानमाचरेत् ।
सौ काम छोड़कर भोजन करें और हजार काम छोड़कर स्नान करें ।
When it is time for food, keep aside 100 jobs and eat.
When it is time for bath, keep aside 1000 jobs and have bath.
21. सर्वधर्मेषु मध्यमाम् ।
सभी प्रकार के धर्म मार्गों में मध्यम मार्ग श्रेष्ठ माना गया है।
Choose always the middle path, Avoid going for extremes in anything.
बहुत ही सुंदर
Ati sunder vachan bhagwan ji
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thanks and shukrne
Guru Bhagwan ji ke anant sukrane radhe radhe Bhagwan ji
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मेरे प्यारे प्यारे सतगुरु भगवान जी आप जी के पावन प्रेम के ह्रदय से अनंत अनंत शुक्राने शुक्राने शुक्राने शुक्राने शुक्राने आप जी इतनी उपयोगी जानकारी,ज्ञान के साथ देते है,
हे नाथ जी आप जी को कभी भूलूं नहीं, मेरे प्रियतम प्राणनाथ जी
हरे कृष्ण
🙏🌹🙇♂️🙇🌹🙏