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Five Qualities Of A Good Student

श्लोकः

काका चेष्टा बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च।
अल्पहारी गृह त्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं।।

भावार्थः

कौए की तरह चतुर, बगुला की तरह ध्यान करने वाला, स्वान की तरह कम निद्रा तथा कम खाने वाला, गृह का त्याग करने वाला- ये विद्यार्थी के पाँच लक्षण हैं।

हमारे शास्त्रों में संस्कृत के इस श्लोक के द्वारा विद्यार्थी के लिए प्रमुख पाँच लक्षण बताए गये हैं। हमारे गुरुजी इसकी व्याख्या करते हुए बताते हैं-

1. काकचेष्टा- शुरु में आपको focus की जरुरत नहीं होती है, energy की जरुरत होती है। कौए में बहुत energy होती है, खाता बहुत कम है। कभी कुछ भी थोड़ा-सा खा लेता है और वही खाकर बहुत तेजी से उड़ता है। जरा-सा हाथ हिलाने पर ही तेज़ी से उड़ जाता है।

एक कहानी है जो हम सभी ने बचपन में भी सुनी होगी। एक कौआ बहुत प्यासा था। पानी की तलाश में उड़ रहा होता है। रास्ते में उसे एक घड़ा दिखाई देता है। वह पास जाकर देखता है तो घड़े में थोड़ा पानी था। वह सोचता है कि थोड़े पानी को ऊपर कैसे लाए? उसे एक युक्ति समझ आती है और वह कंकड़ उठाकर घड़े में डालने लगता है। जैसे-जैसे वह कंकड़ घड़े में डालने लगा वैसे-वैसे पानी ऊपर आने लगा। पानी ऊपर आने पर उसने अपनी गर्दन झुकाई और पानी पीकर उड़ गया। कौए से हम सीखें कि कैसे मेहनत (Hardwork) की जाये।

हम चाहते हैं कि रातों-रात पैसा आ जाये। हमारी इसी सोच ने हमको कमजोर कर रखा है। बढ़िया है अगर हम पैसे की तरफ ध्यान ही न दें। पैसा आता है, जब हम काम करते हैं। एक मजदूर सुबह से शाम तक काम करता है, जो भी उसके रेट होते हैं 300 या 400 रुपये, उसे मिल जाते हैं। रोज मेहनत करता है, रोज पैसे कमा लेता है।

कोई महान नहीं बनता है, जब तक वह मुश्किलों से नहीं गुजरता है। पेन्सिल को पैना होने के लिये कटना, छीलना पड़ता है। उसके ऊपर कितने ब्लैड चलते हैं। एक मूर्ति को बनने के लिये पत्थर को बहुत छैनी-हथौड़े खाने पड़ते हैं। कुछ भी बनने के लिये हमको कुछ तकलीफों से गुजरना पड़ता है। मेहनत के द्वारा ही हम कुछ कर पाते हैं।

The crow kept working hard to get success. Put efforts like a crow. If we have to truly bring out what is within, we have to work hard. To become great we have to go through some painful sharpenings of hardwork.

LESSON TO BE LEARNT: BE HARD WORKING.

2. बको ध्यानम् – बगुला जल में एक पैर से खड़ा रहता है। मछलियों को लगता है कि कोई पेड़ खड़ा है। बगुले का दिमाग इतना तेज होता है, वह छोटी मछलियों को नहीं खाता है, एक बड़ी मछली खाता है और उसका पेट भर जाता है। इससे बहुत सीखने को मिलता है कि हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना है। विचार करें कि मुझे क्या करना है? जीवन में बहुत सारी बातें होती रहती हैं। कभी पैसे की कमी है… तो कभी कुछ है। हमें focus उस पर करना है जो जरुरी काम है।

In life when we want to focus on what is important we should allow the small things to pass by. We shouldn’t be distracted by the little things. Let the small things pass by, we need to be focused on what is important.

LESSON TO BE LEARNT: BE FOCUSED.

3. श्वान निद्रा- कुत्ता सोता बहुत कम है। लेकिन जब सो भी रहा होता है तो ज़रा सी आवाज़ पर तुरन्त उठ जाता है। हमें बहुत कुछ सीखना है, लोगों से, चीज़ों से, परीस्थितियों से। शाहरुख खान ने बताया कि मैं बहुत समय से (जब से film industry में आया) सिर्फ चार घण्टे सोता हूँ रोज़। जवाहरलाल नेहरु, टाटा, बिरला यह सब 18 से 20 घण्टे काम करते हैं। हमारे देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी सिर्फ़ चार घण्टे सोते हैं। रात को एक बजे सोते हैं और सुबह पाँच बजे उठ जाते हैं।

हमें किसी परीस्थिति से घबराना नहीं है। Face your fears. जिस चीज़ से डर लगता है, उसका सामना करो। हमारे चारों  तरफ जो भी हालात हैं, उससे घबराना नहीं, डरना नहीं। मत सोचना आज हम छोटे हैं, हमारे पास कम है, हमारे पास पूरा नहीं है, ऐसा कभी मत सोचना। जो तुम्हारा शौक है उस तरफ़ चल पड़ना।

There is a lot to learn in this world- From people, from objects, from situations, from surroundings. We will only learn when we are ALERT.

LESSON TO BE LEARNT: BE ALERT.

4. अल्पाहारी- अल्पाहारी का अर्थ है- खाने को बहुत ज़्यादा महत्व मत दो। रोटी खानी है, पेट भरना है और काम करो। जब अपने पैरों पर खड़े हो जाओ, कुछ बन जाओ उसके बाद खूब खाना खाना। अभी पेट भरो और चलो। अगर हमारे आगे कोई बड़ा लक्ष्य है तो खाने की तरफ़ मत देखो, जो मिले उसे खा लो और अपने लक्ष्य की तरफ़ चलो। हम जो खाते हैं, सुनते हैं, देखते हैं, महसूस करते हैं उसका दिमाग पर प्रभाव पड़ता है और दिमाग वह चीज़ें याद कर लेता है। भोजन में नहीं बल्कि जो हमारा लक्ष्य है उधर मन होना चाहिये।

We should be very careful of what inputs we give to our senses because whatever inputs we give to our senses actually go and make a very deep impression on our mind. Our mind should be meant for important and valuable things.

Our diet is not only what we eat. It’s what we watch, what we listen to, what we read, the people we hang around. We need to be mindful of the things we put into our body emotionally, spiritually and physically.

LESSON TO BE LEARNT: HAVE BALANCE IN LIFE AND CHECK  INPUT.

5. गृहत्यागी- गृहत्यागी का विद्यार्थी के लिये मतलब होता है- घर के चक्कर में ज़्यादा मत घुसो कि कौन आ रहा है ? कौन जा रहा है ? ये क्यों हुआ और वो क्यों हुआ ? तुमको जो सेवा बताई गई है उसको कर दो। घर में मेहमान आयें तो उनसे प्रेम से मिलो, उन्हें प्रणाम करो और जाकर पढ़ने लग जायो। जब मम्मी सेवा के लिए बुलायें तब तुरन्त आकर सेवा करो और फिर पढ़ने चले जाओ।

विद्यार्थी/साधक के लिए जरुरी है कि जो चीज़ें Distraction बढ़ायें उनसे दूर रहें और उनसे दूरी बनाने में अपने बड़ों की सहायता लें। जैसे- अपने माता-पिता को मोबाइल दे दें। कोई जरुरी बात होगी तो वह स्वयं ही बता देंगे।

LESSON TO BE LEARNT: AVOID DISTRACTIONS.

नोट- यह लेख पूज्य गुरु भगवान्जी की वाणी ‘Five Qualities of a student’ में से विद्यार्थी/ साधकों के लाभ के लिए संकलित किया गया है।

This Post Has One Comment

  1. Arora Anu

    Well written
    Nice

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