हमारे जीवन में हमारे विचारों का बहुत महत्व होता है। हम जैसा सोचते हैं, हमारा जीवन वैसा ही बनता चला जाता है।
उदाहरण-
सुरेश और नरेश दो लोग लड़ रहे हैं। हमारे मन में आया कहीं सुरेश, नरेश को पत्थर तो नहीं मार देगा और अचानक सुरेश ने पत्थर उठाया और नरेश को मार दिया। इस उदाहरण से यह बात समझ आई कि जैसा हम सोचते हैं, वैसी घटनाएँ हमारे चारों तरफ घटने लगती हैं। फिर हम कहते हैं ऐसा क्यों हो गया ? कहीं-न-कहीं हमारी सोच गड़बड़ होती है और हम उसे बदलना नहीं चाहते, अपनी गलत आदतों के कारण।
हमारा जीवन उन्नत हो, बढ़िया हो, उसके लिये हमारी सोच का बढ़िया होना बहुत आवश्यक है। इसके लिये पहले हमें अपने विचारों को check करना होगा। क्या हम सच्चे, ईमानदार और सरल हैं? या हम चालाक, बेईमान और छल-कपट वाले हैं ?
आइए एक और उदाहरण से हम इसको समझते हैं-
एक शहर में दो जादूगर थे। उन्होंने एक महीने तक अपने show का कार्यक्रम आयोजित किया। एक के यहाँ तो बहुत भीड़ आती थी और दूसरे के यहाँ बहुत कम लोग आते थे। एक पत्रकार ने इस चीज को देखा तो उसने सोचा, पता करता हूँ कि बात क्या है? क्योंकि उसने दोनों के show देखे हैं और दोनों के show टक्कर के थे।
पत्रकार उन दोनों के पास जाता है और दोनों से पूछता है। पहले वह उस जादूगर के पास जाता है जिसके show में बहुत कम लोग आते थे। वह पूछता है कि -” क्या बात है आपका show तो बहुत बढ़िया है लेकिन फिर भी यहाँ बहुत कम लोग आते हैं।”
तो वह जादूगर कहता है कि, “क्या करें? यहाँ यह सब जो लोग आये हैं यह सब बेवकूफ हैं, इन्हें मैं अपने जादू से बेवकूफ ही बनाता हूँ।”
पत्रकार चला जाता है। फिर वह दूसरे जादूगर के पास जाता है, पूछता है- “आपके यहाँ इतनी भीड़ कैसे रहती है?”
उसने कहा कि- “ये मुझे पता नहीं। पर मैं यह सोचता हूँ कि यह लोग अपना कीमती समय निकालकर यहाँ आये हैं, मुझे इन्हें अपना best performance देना है। मुझे इनको बढ़िया करके दिखाना है क्योंकि मेरे लिये यह लोग कीमती हैं। इन लोगों ने मेरी टिकट खरीदी है। ये मेरा show देखने आये हैं। मैं इनको खुश करकर भेजना चाहता हूँ। मैं अपना best इनको देता हूँ।”
पत्रकार समझ गया कि इसके भाव कैसे हैं और उसके भाव कैसे हैं?
जाकि रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
जो जैसा भाव जगाये, सो तैसो ही फल पाये।
अपने विचारों को बदलने के लिये हमें एक Mentor की, गुरु की आवश्यकता होती है। जब गुरु हमारे जीवन में आते हैं तो वह हमारे विचारों को शुद्ध करते हैं। धीरे-धीरे अभ्यास से, हमारी सोच नकारात्मक से सकारात्मक होती चली जाती है।
गुरु भगवान् कहते हैं, इसके लिये सबसे पहले प्रतिज्ञा करें-
- मैं परिवर्तन के लिए तैयार हूँ। (I am willing to change.)
आज ही अपने से कहिये-- मैं अपने जीवन में परिवर्तन को स्वीकार करता हूँ।
- मैं हर उस बात के लिये तैयार हूँ, जो मेरे जीवन में आनन्द, शान्ति व प्रेम लाये।
- अपना नजरिया बदलिये। (Change your attitude.)
हम अपने जीवन को किस नजरिये से देखते हैं ?- मेरे जीवन में सिर्फ दुःख ही दुःख भरे हैं।
- परेशानियाँ तो मेरा पीछा ही नहीं छोड़ती हैं।
- हर वक्त कोई-न-कोई बीमारी शरीर पर लगी ही रहती है।
- मुझे क्या मिला जीवन में ?
यदि ऐसा नजरिया है तो वास्तव में जीवन दुःखपूर्ण ही रहेगा क्योंकि जैसा हम सोचते हैं वैसी ही परिस्थिति हम अपने जीवन में आकर्षित करते हैं, वैसा ही हमारा जीवन बनता जाता है।
गुरु के पास आकर हमारा नजरिया सकारात्मक होता है। गुरु के पास आकर हमारी सोच बदलने लगती है। जैसे-- मेरा जीवन परमात्मा का दिया अनमोल उपहार है।
- जीवन में आने वाली हर परिस्थिति मुझे पहले से ज्यादा समझदार, होशियार और मेहनती बनाती है।
- गुरु की कृपा से मेरा जीवन पहले से ज़्यादा स्वस्थ, प्रसन्न व आनन्दमय होता जा रहा है।
- दोष दृष्टि न रखें, गुण ग्राहक दृष्टि रखें।
जन्मों-जन्मों से हमारे मन को दोष देखने की आदत है। हमें अभ्यास से इसको बदलना होगा। जब भी किसी के दोष दिखें तुरन्त उसके गुणों का विचार करें, तभी हमारी सोच सकारात्मक होगी। - शुकराना मानें। (Be in the attitude of gratitude.)
जब तक हमारे जीवन में सद्गुरु, Mentor नहीं होते हैं, तब तक हमारी दृष्टि सिर्फ़ और सिर्फ़ शिकायतों पर ही रहती है। सद्गुरु हमारी शिकायत भरी सोच को शुकराना भरी सोच में परिवर्तित कर देते हैं और फिर जीवन में हर्ष और उल्लास बढ़ने लगता है।
एक सत्संग प्रेमी रोज सत्संग में आती हैं। अचानक उनके पैर की हड्डी टूट गई। अब उन्हें एक महीना bed rest करना था। लेकिन जब गुरु भगवान् से मिली समझ और सकारात्मक सोच ने कहा- मेरे लिये भगवान् ने सुनहरा अवसर भेजा है। अब मुझे अभ्यास के लिये ज़्यादा समय मिलेगा। उनकी दृष्टि शिकायतों पर नहीं थी। शुकराना मानने से हर परेशानी हल्की होकर निकल जाती है। - भगवान् पर पूर्ण विश्वास रखें।
जब हमारा भगवान् पर पूर्ण विश्वास होता है और हम मानते हैं कि भगवान् का हर विधान मेरे लिये मंगलमय है तब हमें महसूस ही नहीं होता है कि हमारे जीवन में कोई दुःख भी है। कुछ भी अचानक नहीं होता है। परमात्मा का perfect accounting system चल रहा है। ऐसी सकारात्मक सोच से हमारा जीवन हल्का हो जाता है। - अपना बोलने का तरीका व अपनी आदतें बदलें। (Change your speech pattern and your habits.)
हमारे गुरु कहते हैं- “प्रकृति बराबर ‘‘तथास्तु’’ बोल रही है। जो हम बोलते हैं वह जीवन में सच हो जाता है। अब हम देखें कि हम पूरा दिन क्या बोलते हैं ?”- चाय पीये बिना तो मेरा शरीर चलता ही नहीं है।
- अब शरीर में वो ताकत नहीं रही जो पहले थी।
- मुझे कोई प्यार नहीं करता है।
ऐसे कितने नकारात्मक वाक्य हम बोलते रहते हैं। हम जिस चीज़ को जीवन में नहीं चाहते हैं, वही बोलते हैं। गुरु ने कहा- “अपना बोलने का तरीका बदलिये।” अपने से कहें- मैं भगवान् का हूँ, भगवान् मेरे हैं। बाहर से प्रेम, मान व सुख की भीख न माँगें। Feel करें कि मैं प्रेम का सागर हूँ। (I am ocean of love.)
- संयमित दिनचर्या।
सकारात्मक सोच बनाने के लिये अपने जीवन को संयमित बनायें। नियमित दिनचर्या होने से मन वश में होता है और उसमें बेकार के विचार मन में नहीं आते हैं, सकारात्मक सोच बनती जाती है। - इस पल में रहें। (Live in the present.)
यदि हम अपने मन को देखें तो वह ज्यादातर या तो past में रहता है या future में रहता है। Past और Future में रहने से negativity बढ़ती है क्योंकि past की बातें शोक पैदा करती हैं और future की बातें भय पैदा करती हैं। गुरु इस पल में रहना सीखा रहे हैं। जिससे जीवन में शान्ति, प्रसन्नता, सकारात्मकता बढ़ने लगती है। - प्रंशसा करना सीखें, प्रेम से चलें व ध्यान रखें। (Learn to appreciate love and care.)
साधारणतः एक नकारात्मक व्यक्ति की शिकायतें होती हैं-- मेरी कोई तारीफ नहीं करता।
- मेरा कोई ध्यान नहीं रखता।
- मुझसे कोई प्यार नहीं करता।
गुरु कहते हैं कि तुम्हें तारीफ चाहिए, मान चाहिए, प्रेम चाहिए तो आज से देना शुरु कर दो। What you give you get back.
- सकारात्मक कल्पना के साथ मेहनत करें। (Practice positive visualization with hard work.)
शरीर पर कोई बीमारी आ गई तो Visualize करें कि मैं time से दवाई व पौष्टिक भोजन ले रही हूँ। मैं पहले की तरह शक्ति व स्फूर्ति से काम कर रही हूँ। मेरा शरीर बिल्कुल ठीक है। गुरु कहते हैं कि हम अपने भाग्य के स्वयं निर्माता हैं। We are the makers of our own destiny.
इसके लिये जरुरी है सही विचारधारा का होना-
‘‘बदले विचार, बदले जीवन।’’
Radhey Radhey Bhagwan ji Apki extreme mehnat ke anant Anant shukrane hain Apko koti koti Naman he 🙏🙏🙏🙏🙏
Bahut hi sunder blog he Bhagwan ji Apki extreme meh at ke anant Anant shukrane hain Apko koti koti Naman he 🙏🙏🙏🙏
भगवान जी आप के ऐसे वचनों से हमारे में एक शक्ति सी भर जाती है और आप की ही कृपा से अब जीवन में बहुत बदलाव आया है । अब पहले से ज्यादा पाज़ीटिव हो रहें हैं भगवान जी,जीवन को देखने का नजरिया अब अच्छा हो रहा है, और जब भी अपने से कहती हूं I am willing to change तो बस सारी शक्ति आप भर देते हो 😊🙏
अनन्त अनन्त शुक्राने भगवान जी🙇♀️🙇♀️
बदले विचार बदला जीवन
Very nice blog
विचार बदलने से ही हमारा जीवन बदलता है और हम negative से positive होते हैं ।
सारी मेहनत गुरु जी की है जो हमें दिन-रात दिए ही दिए जा रहे हैं और हमारी सोच को positive कर रहे हैं।
अनंत शुकराने भगवान जी
Bahut hi inspiring blog hai bhagwan ji
Mere guru ji ki bahut mehnat hai jo hme har roz naye naye tarike se nagativity se positivity me laa rahe hai
Aap ki mehnat ko naman hai
बदले विचार बदले जीवन बहुत ही सीखने वाला blog है हमारी सोच सत्संग मै आने से ही आती है ये पॉइंट बहुत अच्छा लगा मेरा जीवन परमात्मा का दिया अनमोल उपहार है ऐसी सोच गुरु कृपा से आती है शिकायतों से शुक्रानो मै आपजी लाते हो हमारी पुरानी बेकार सोच को बदलते हो सारे पॉइंट बहुत ही सुंदर है आपजी के प्रेम के शुक्राने
गुरु भगवान जी और गुरु माँ के चरणो मे कोटि-कोटि नमन वन्दन है राधे राधे भगवान जी।
बदले विचार बदले जीवन। गुरु भगवान जी की कृपा से ही पोजिटिव सोच पाते है। गुरु भगवान जी और गुरु माँ जी की कृपा मेहनत के अनन्त अनन्त शुकराने है राधे राधे भगवान जी
बदले विचार बदला जीवन
बहुत ही सुंदर ब्लॉग है
सारी मेहनत भगवान जी आप जी की है
आप ही हमारी सोच को नेगेटिव से पॉजिटिव में लाते हैं
अनंत शुकराने भगवान जी
बेहतरीन लेख
मन मे तो नकारात्मक भाव आ ही जाते हैं पर शुकराने मानना एक miracle करता है
पॉजिटिव अफर्मेशन भी अत्यधिक अच्छी लगी।
बहुत धन्यवाद है ।
Guru Bhagwan ji ki hi mehnat hai ki hamari soch badal rahi hai,jeevan sunder ban raha hai,positivity badh rahi hai,,patience badh rahi hai.Aise guru per balihari jaun
गुरु जी बहुत ही अच्छा एवम महत्वपूर्ण ब्लॉग है।आपने उदहारण देकर भी समझाया और यह बहुत अच्छा लगा कि जब बीमार पड़ जाते हैं तो अपनेआप से क्या बोलें।
इस आर्टिकल से आप का प्रेम,मेहनत और करुणा सभी के लिए खूब झलकती है। शुक्राने गुरु जी।
बहुत ही सुंदर blog आपने भेजा है ,इसमें आपने बताया है हमारे विचारों के बदलने से हमारा जीवन बदल सकता है …
आपके अनंत अनंत शुकराने हैं🙏🌺
बहुत ही सुंदर blog आपने भेजा है ,इसमें आपने बताया है हमारे विचारों के बदलने से हमारा जीवन बदल सकता है …
आपके अनंत अनंत शुकराने हैं🙏🌺
सोच बदलने से ही जीवन सुहाना होता है।
इस ब्लॉग में गुरुजी के दिये हुए सारे वचन
जीवन को बदलने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे
ऐसे मेरे प्रभुजी को बारंबार नमन है।👌💐💐
Arrre waaah
It’s tooo good for words, I’ll become a better virsion of myself, aap sabhi ka bahut Thanks 👍😃