बच्चे को डिप्रेशन से कैसे बचाएं –
2021 में UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 15-24 साल के बच्चों में 7 में से 1 बच्चा अक्सर depress feel करता है।
आजकल टीनएजर्स में तनाव, डिप्रेशन बहुत देखने को मिल रहा है। जिससे बचने के लिए बच्चे छोटी उम्र में सिगरेट पीना, शराब पीना और कुछ बच्चे तो ड्रग्स तक लेने लगते हैं। इसलिए बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
यदि हम अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखना चाहते हैं तो अपने बचपन का समय याद करें, जब हमारे पास अधिक सुख सुविधाएं नहीं थी, न ही अधिक गैजेट्स, मोबाइल, स्मार्ट टीवी, सोशल मीडिया था लेकिन फिर भी हम मानसिक और शारीरिक तौर पर अधिक स्वस्थ थे क्योंकी हमारे पास दोस्त थे, भाई बहन थे जिनके साथ हम कई तरह के outdoor games खेलते थे, अपने मन की हर बात साझा करते थे।
आजकल बच्चे के virtual friends अधिक हैं, पर सच्चे दोस्त नहीं और यदि बच्चा अकेला है, उसका कोई भाई बहन नहीं है तो उसके पास कोई भी नहीं है जिससे वो अपने मन की बात कर सके। जिसकी वजह से बच्चा मानसिक और भावात्मक तौर पर थोड़ा कमजोर हो जाता है।
बच्चे के सम्पूर्ण मानसिक विकास के लिए इन 4 क्षेत्रों में सामंजस्य होना चाहिए –
IQ- (Intelligent Quotient) ऐसा माना जाता है बच्चा पढ़ने में अच्छा है, अच्छे नंबर लाता है, गणित में अच्छा है, तो बच्चा होशियार है, उसका IQ अच्छा है।
EQ- (Emotional quotient) दूसरों के बारे में सोचना, आस-पास के लोगों को सुख देने का भाव।
CQ- (Creativity Quotient) कुछ भी नए तरीके से करना।
AQ- (Adversity Quotient) विपरीत परिस्थिति को सहन करने की शक्ति।
जिन बच्चों का इन 4 Quotient में सामंजस्य नहीं है उन बच्चों को डिप्रेशन हो सकता है।
स्कूल, माता-पिता सभी बच्चों के IQ को अच्छा करने में लगे हैं और बाकी के क्षेत्र छूट जाते हैं। बच्चे का हरेक क्षेत्र अच्छा होना आवश्यक है जैसे एक आतंकवादी है उसका AQ तो अच्छा है वो कठिन परिस्थितियों में आसानी से रह लेता है पर उसका EQ विकसित नहीं है, जिससे वो दूसरे लोगों को बहुत हानि पहुंचाता है।
EQ बढ़ाने के लिए बच्चों को सिखाएं, वह दूसरों के साथ sharing करे, बड़ों की सेवा करे, गाय को खाना खिलाये, चिड़िया को दाना डाले, पौधों को पानी दे।
ऐसे ही कुछ बच्चों का EQ अच्छा होता है पर AQ अच्छा नहीं है तो वो जीवन में अधिक सफल नहीं हो पाते और यदि बच्चे का CQ अच्छा नहीं है तो जीवन में कुछ भी बदलाव होता है तो वो उसे आसानी से स्वीकार नहीं कर पाते।
गुरु भगवान बताते हैं- “AQ, EQ, CQ, IQ इन सबको balance करने के लिए SQ (Spiritual Quotient) की जरुरत है जो हमारा सत्संग से अच्छा होता है।”
SQ= IQ+EQ+CQ+AQ
गुरु के सानिध्य में हमारे सभी क्षेत्र अच्छे से विकसित होते हैं। जीवन की हर परिस्थिति को सहन करना आता है, दूसरों को सुख देने का भाव आता है, Creativity बढ़ती है इसलिए बच्चों को सत्संग से जरूर जोड़ें और बच्चों को भगवान का आधार दें, जिससे वे मानसिक रूप से मजबूत बनें।
बच्चों का गुस्सा कैसे कम करें –
गुरु भगवान बताते हैं मनुष्य में 5 विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार, पर बच्चों में जो सबसे अधिक होता है वो है क्रोध मतलब गुस्सा।
- जन्म से 7 साल तक बच्चे का अवचेतन मन बन रहा होता है। इस समय में बच्चा जो देखता, सुनता है वो सभी, बच्चे के अवचेतन मन में चला जाता है और बच्चे का स्वभाव बन जाता है। बच्चे हमारा ही प्रतिबिम्ब होते हैं, जो माता-पिता करते हैं बच्चे भी वही सीख जाते हैं। जिस तरह से माता-पिता या घर के और लोग गुस्सा करते हैं बच्चे भी वैसे ही करने लगते हैं और यदि माता-पिता कम गुस्सा करते हैं तो बच्चे भी कम गुस्सा करते हैं। इसलिए हम गुस्सा न करके बच्चों के सामने अच्छा उदाहरण रखें।
- बच्चा किसका संग करता है इस बात का ध्यान रखें। हम अपनी कोई भी कीमती चीज रुपये, आभूषण आदि बहुत संभाल कर रखते हैं किसी को देखने भी नहीं देते। बच्चे हमारे लिए उससे कही अधिक कीमती हैं इसलिए इस बात का ध्यान रखें बच्चे किसका साथ करते हैं, क्योंकि बच्चे जिनका साथ करते हैं वो वैसे ही बन जाते हैं।
- बच्चे को जब गुस्सा आये उस समय 5 मिनट के लिए उसे अकेला छोड़ दें, उससे बात नहीं करें। 5 मिनट बाद जब बच्चे का गुस्सा अपने आप कम हो जायेगा, उस समय बच्चे को Hug कर दें या बच्चे की पीठ पर हाथ फेर दें इससे बच्चा शांत हो जायेगा। उस समय बच्चे को समझाएं नहीं और थोड़े समय बाद जब बच्चा खुश है आपके साथ खेल रहा है तब बच्चे को प्यार से समझाएं की गुस्सा करने के क्या नुकसान है और गुरु भगवान जी जो गुस्से को शांत करने के उपाय बताते हैं वह भी उसे समझाएं जैसे-
- गुस्सा आने पर उल्टी गिनती गिनना शुरू कर दें।
- पानी पी लें।
- उस जगह से हट जाएँ।
गुरु भगवान जी बताते हैं –
यदि हमें बच्चे की कोई बात अच्छी नहीं लगती तो उसे बार-बार नहीं कहें, जैसे- तुम तो बहुत गुस्सा करते हो या तुम्हारा गुस्सा तो नाक पर रखा रहता है। यदि हम उल्टा बोलेंगे तो वैसा ही हमारे सामने आएगा इसलिए जो हम नहीं चाहते वो कभी नहीं बोलें।
जब हम खाना बनाएं तो शुद्ध भाव से बनाएं, सोचें भगवान का प्रसाद बन रहा है जो भी इस प्रसाद को पायेगा उसका मन शांत होगा।
विश्व के सभी बच्चों के लिए प्रार्थना करें कि सभी को शांति मिले, सभी मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो।
Sq = iq+es+cq+aa
I like this point very much
It is a beautiful written article
बच्चों में EQ बढ़ाने के points बहुत अच्छे हैं, बच्चों को जब गुस्सा आये तो उन्हें कुछ समय के लिए अकेला छोड़ दें ,बाद में उनको hug करें ये point तो बहुत ही कमाल का बताया है गुरु भगवान जी ने।
अनंत अनंत शुक्राने गुरु भगवान जी के🙏🙏 ्
गुरु भगवान जी के अनन्त शुकराने राधे राधे भगवान जी ।गुरु भगवान जी ने बच्चों के लिए जो जानकारी दी बहुत ही अच्छी है। गुरु भगवान जी जी के प्रेम मेहनत के अनन्त अनन्त शुकराने है
Bhagwan ji bahut shukrane hai apji ke
Itni acchi information aap hame de rahe hain
Ye sab kuch bhi hme malum nhi tha
Aap ji itni mehnat kar rahe hain apne bacchon
Ke liye
Aapji ki guidance me bacche all rounder ban rahe
Hai. Harday se anant anant shukrane hai
Koti koti naman h 🙏🙏💐💐🙇♀️🙇♀️
Bhagwan ji dil se shukrane apke
IQ eq aq cq and sq ki jaankari apne di bahut achhi tarah se apki kripa se samaj aai 🙏🏻
Radhey radhey bhagwan ji 🙏🏻
Bhagwan ji bahut hi useful information hai bhagwan ji spritual quotient wala point bahut acha laga aapki kripa se satsang to jab ghar me chalta hai to chahte ya na chahte points sabko mil jaate hai jo samay aane par bacho me dikhte bhi hai
Sab aapki kripa ha shukrane bhagwan ji
SQ= IQ+ EQ +CQ +AQ
ये जानकारी बहुत ही लाभ की है।
Thank you for giving this understanding.