WHO के अनुसार 0-2 साल के बच्चों के लिए कोई Screen time नहीं है, मतलब इतने छोटे बच्चों को हमें मोबाइल, लैपटॉप या टीवी नहीं दिखाना चाहिए।
2-5 साल के बच्चों के लिए 1 घंटे का Screen time है, वो भी टीवी हो तो अच्छा है क्योंकि टीवी देखते समय बच्चा Screen से दूर रहता है।
अधिक मोबाइल उपयोग करने से बच्चों को होने वाली परेशानियाँ –
- आँखों पर दबाव पड़ना
- शारीरिक और मानसिक विकास धीरे होना
- मोटापा बढ़ना
- नींद की कमी
- आक्रामकता (aggression)
- Creativity की कमी
लम्बे समय तक मोबाइल का अधिक उपयोग बच्चों में कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकता है।
यदि माता-पिता के पास बच्चों को देने के लिए समय नहीं होता तो बच्चे को मोबाइल दे देते हैं और फिर धीरे-धीरे बच्चों को मोबाइल की ऐसी आदत हो जाती है कि उन्हें हर समय मोबाइल चाहिए, खाना खाते समय मोबाइल, रात को नींद खुल जाये तो मोबाइल, सुबह उठने के साथ मोबाइल।
बच्चों की मोबाइल की आदत छुड़ाने के लिए कुछ Tips –
- बच्चों को सत्संग से जोड़ें, गुरु के सानिध्य में बच्चे अच्छी आदतें सीखते हैं और बच्चों का Mind focus होता है जिससे ख़राब आदतें अपने आप छूट जाती हैं।
- बच्चों की मोबाइल की आदत छुड़ाने के लिए बच्चों को कुछ ऐसी वीडियो दिखा सकते हैं जिसमें बच्चों को अधिक मोबाइल देखने से होने वाली हानि दिखाई गयी हों जैसे आँखों में सूजन आना, आँखों से खून आना। बच्चों को जब लगेगा की मोबाइल देखने से इतनी परेशानी हो सकती है तो वो अपने आप ही मोबाइल देखना कम कर देंगे।
- बच्चे को कुछ भी यदि कहानी के रूप में सुनाया जाये तो वो उसे बहुत ध्यान से सुनते हैं और अपने जीवन में लाने का प्रयास करते हैं इसलिए ऐसी कहानियां बच्चों को सुनाएं जिसमें बताया गया हो अच्छे बच्चे मोबाइल का उपयोग कम करते हैं।
- प्रयास करें, घर पर बच्चे को व्यस्त करने के लिए कभी मोबाइल नहीं दें , घर से बाहर यदि कभी मोबाइल देते हैं तो बच्चा घर पर भी मोबाइल को देखकर जिद्द करेगा पर उस समय आपको थोड़ा कठोर होना पड़ेगा और बच्चा चाहे कितना भी रोये, चीखे -चिल्लाये, मोबाइल नहीं देना तो नहीं देना।
- माता-पिता यदि कम मोबाइल का उपयोग करते हैं तो बच्चा भी कम उपयोग करेगा।
- बच्चों को साथ बिठाकर एक Time Table बनाएं, जिससे बच्चे को पता होगा किस समय उसे क्या करना है क्यों कि कई बार बच्चे हमसे पूछते हैं क्या करूँ मैं और हमारे पास उसका जवाब नहीं होता। हमें पता होना चहिये यदि हम बच्चों को मोबाइल नहीं दे रहे तो उन्हें कैसे व्यस्त रखा जाये। जैसे –
- बच्चे प्रकृति के साथ कुछ समय बिताएं।
- बच्चों से लड्डू गोपाल की सेवा करवाएं।
- बच्चों को Hobby Class में भेज सकते हैं।
- पार्क में खेलने ले जा सकते हैं।
- Activities Books , Story Books दे सकते हैं जिससे बच्चों में Reading की आदत बने।
- बच्चों को वीडियो न दिखाकर Audio Track चला सकते हैं।
- बच्चों को ऐसे खिलौने दें जो बच्चों को creatively busy रखें।
- मोबाइल की जगह टीवी में Pendrive में बच्चों के लिए भगवान बाल कृष्ण व रामजी की लीलाएं, पंचतंत्र की कहानियां या सत्संग की story वाली वीडियो Download करके लगा सकते हैं और 4-5 दिन बाद Videos change कर दें।
- बच्चों को अपने साथ घर के काम करवाएं, जिससे बच्चे हर काम सीखेंगे और व्यस्त रहेंगे।
- बच्चों को कभी भी मोबाइल का लालच नहीं दें जैसे यदि तुम पढ़ोगे तो उसके बाद मोबाइल देख लेना या यदि तुम ये काम करोगे तो हम तुम्हें मोबाइल देखने देंगे।
- घर पर कुछ नियम बनाएं जैसे खाना खाते समय कोई मोबाइल नहीं देखेगा या जब सभी साथ में बैठे हैं तो कोई भी मोबाइल नहीं देखेगा और सभी इन नियमों का पालन करें।
बच्चों में सोशल मीडिया और वीडियो गेम की आदत को कैसे कम करें –
बच्चों को Sense Of Appreciation चाहिए – जब वो सोशल मीडिया पर कोई फोटो डालते हैं तो उस पर कितने Like आये बार-बार देखते हैं अधिक Like मिलने पर बच्चे को sense of appreciation का अनुभव होता है।
गुरु भगवान जी बताते हैं जब भी बच्चा कुछ अच्छा करे उसकी तारीफ जरूर करें, बच्चे को समय-समय पर बताते रहें की हम उन्हें कितना प्रेम करते हैं, प्रेम को दिखाने के लिए बच्चों को गले लगायें।
बच्चों को Sense Of Achievement चाहिए – बच्चा जब वीडियो गेम खेलता है तो एक लेवल पूरा होने पर congratulations का मेसेज आता है जिससे बच्चे को sense of achievement का अनुभव होता है। इसलिए बच्चे को समय-समय पर अनुभव कराएं की वह जो करता है बहुत अच्छे से करता है और बहुत महत्वपूर्ण कार्य करता है।
बच्चों को घर से बाहर भाग दौड़ के खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करें जैसे फुटबॉल, बास्केट बॉल, जब बच्चा ये खेल खेलेगा तो उसमें Sense of achievement आएगा और वो इतना थक जायेगा की उसे मोबाइल, सोशल मीडिया और वीडियो गेम की आवश्यकता ही नहीं रहेगी।
इसलिए बच्चों को अधिक मोबाइल और सोशल मीडिया के उपयोग से बचाने के लिए माता-पिता बच्चों को पर्याप्त समय दें। बच्चों को सत्संग से जोड़ें और शारीरिक रूप से व्यस्त रखें।
- बच्चों को सत्संग से जोड़ें, गुरु के सानिध्य में बच्चे अच्छी आदतें सीखते हैं और बच्चों का Mind focus होता है जिससे ख़राब आदतें अपने आप छूट जाती हैं।
स्वयं से कहें – “हम सब भगवान के बच्चे हैं, हम सब एक हैं।”
V important points.
All thanks to our mentor and writing team
Very useful article in present scenario.Guru Bhagwanji,Guru maaji ke anant anant shukrane
Guru Bhagwan Ji Guru Ma Ji AAP har prakar se humei sahi samajh dekar Humara jeevan sudhar rahein hain.Aapji ke Nishkam Prem ke Anant Anant Anant Anant Anant Shukrane 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गुरु Bhagwan ji ki kirpa के अनन्त अनन्त अनन्त अनन्त अनन्त अनन्त अनन्त shukrane
बहुत ही informative एवं useful artical artical है भगवानजी!
शुक्राने भगवानजी 🙏🌺🙏
Good article
Helpful पॉइंट्स
अति उत्तम लेख
🙏🙇🌹👣🌺👣🌹🙇♂️🙏💐💐💐💐 अनंत अनंत शुक्राने शुक्राने शुक्राने शुक्राने शुक्राने शुक्राने मेरे नाथ जी
Very very beneficial aur important post he aaj k time k liye…aaj k parents k liye jo ki is problem se kafi pareshan hain…. bahut hi usefull tips hain isme
Thankyou so much for sharing Bhagwan ji