नव वर्ष हम सभी के लिए शुभ हो
इस साल में
0
होकर
2
2
दो,
अर्थात, देते चलो,
जो बन पड़े।
मेरे मानसपटल पर अपने आध्यात्मिक मित्र के ये वचन छा गये, जैसे ही मैंने बाहर से आती अपनी श्रीमती जी की आवाज़ सुनी।
सब्जी वाले से वो बड़ी ऊँची आवाज़ में कह रहीं थीं-
“नये साल में हमें लूटोगे क्या? 40 रुपये किलो की मटर, 60 रुपये किलो दे रहे हो? मैंने इशारे से उन्हें अपने पास बुलाया और मोबाइल पर “गूगल मीट ग्रुप” पर आये मैसेज उन्हें दिखा कर कहा- इस बार नये साल पर हम सबके लिए संदेश है कि 2022 में जितना सम्भव हो “देते चलें”। सब्जी वाले, सड़क के किनारे बैठे दुकान वाले, रिक्शा वाले, जो भी मेहनत मजदूरी करने वाले हैं उनसे इस साल मोलभाव नहीं करेंगे बल्कि ऊपर से कुछ इनाम ज़रूर देंगे। जाओ उससे मटर लेकर, ये नये जूते और जुराबें उसे पहनने को दे दो। इस संदेश को पढ़ते ही उनके चेहरे के भाव बदल गये। मुस्कुराते हुए उन्होंने बाहर जाकर मटर के पूरे पैसे देकर नये साल का उपहार सब्जी वाले को दिया। उसने तुरन्त जूते और मोजे पहन लिए। उसके चेहरे की खुशी देखकर हम दोनों के चेहरे भी खिल गये। जैसे ही हम पलटे , सब्जी वाले ने कहा-
माँजी ! मेरी चप्पल बिल्कुल घिस चुकी थीं, बहुत दिक्कत होती थी ठेला खींचने में, अब तो ऐसा लग रहा है जैसे मैं हवा में उड़ रहा हूँ।
आज मुझे एहसास हुआ अपने आध्यात्मिक मित्र की कही बात का – ” क्या तुमने कभी किसी के दिल को छुआ है ?”
सड़क की सफाई करता दीनू, टी-शर्ट और पेंट पहने इस नए साल में अपनी मेहनत के बदले लोगों से मिलने वाले ‘इनाम’ को सोचकर और उत्साह से कचरे को उठाकर अपनी छोटी सी गाड़ी में डाल रहा था और घरों में झाँक कर देख रहा था कि शायद सुबह-सुबह कोई उसे सफ़ाई करते देखे और इनाम देने को बुला ले। इतने में हमारी बहु रानी ने उसे आवाज़ लगाई। बड़े उत्साह से वो हमारे गेट के सामने आकर खड़ा हो गया। बहु ने उसे नई गर्म फरवाली जैकेट देते हुए कहा – इसे पहनकर तो दिखाओ। दीनू आश्चर्य से मेरी ओर देखने लगा। मैंने मुस्कुरा कर हामी भरी। उसने झट से जैकेट पहनी ली। खुशी से उसका चेहरा चमक उठा। वो बोला-
मेमसाहब ! ये जैकेट तो बहुत अच्छी है, इसमें टोपी भी है। मैंने आज तक इतना गर्म कपड़ा कभी नहीं पहना।
उसकी खुशी, उसके शब्द मेरे हृदय को छू गये और मेरा दिल दुआओं से अपने आध्यात्मिक मित्र के लिए भर गया। हर साल नये साल पर कुछ न कुछ पहले का रखा कपड़ा या सामान हम सबको देते थे, पर इस साल पहली बार बाज़ार से खरीदा नया सामान देने पर जो खुशी लेने वाले के चेहरे पर महसूस हो रही थी उससे मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरे रोम-रोम के साथ सारा जहान प्रसन्नता से झूम रहा हो।
माली ने आज नये साल की खुशी में और अच्छे इनाम की चाहत में नये पौधे लगाये। जिन्हें देखकर मन प्रफुल्लित हो गया और उनसे मिलने वाली फ्री ऑक्सीजन के लिए शुक्रानो से दिल भर गया। उसके बड़े परिवार के लिए 1 महीने के राशन के साथ जब गुड़ और खजूर का प्रसाद दिया तो वो बिना रुके दुआएँ देता हुआ चला गया। उस समय मैंने एक ज्योतिरपुंज के बीच अपने आध्यात्मिक मित्र को अपने सामने खड़ा महसूस किया। ये पल मेरे अब तक के जीवन का सबसे दिव्य पल है।
इस बार पहली बार हमने सब्जी वाले, दूध वाले, newspaper वाले, माली, फूल वाले, कचरा ले जाने वाले, सड़क पर झाड़ू लगाने वाले, रिक्शे व ऑटो वाले और घर के सब सेवाधारियों को प्रेम से, शुकराना मानते हुए, “राधे – राधे” कहते हुए इनाम दिया। सभी ने बहुत खुश होकर “राधे -राधे” कहकर इनाम स्वीकार किया और दुआएँ दीं। इतनी दुआएँ पाकर हृदय रोमांचित हो गया, आँखें भी पुलकित हो कर कोर से नम हो गईं।
इतने में बारह साल की भक्ति दौड़कर आई और चहकते हुए बोली- दादाजी! आज आपने “गूगल मीट ग्रुप” पर ये मैसेज देखा, कहते हुए उसने बड़े प्यार से मेरे हाथ में मोबाईल थमा दिया। मैंने जेब से चश्मा निकाल कर मैसेज पढ़ना शुरू किया-
इस नव वर्ष के आरम्भ में हम कुछ छोटे -छोटे संकल्प लें, जैसे कि, प्रतिदिन सुबह उठकर –
- शुकराना मानेंगे।
- कुछ व्यायाम कर लेंगे।
- अपने रूम को व्यवस्थित कर लेंगे।
- हर काम भगवान के लिए करेंगे।
- आज क्या अच्छा काम करेंगे ये विचार कर लेंगे।
- तैयार होकर,कुछ अच्छा पढ़कर फ़िर काम पर निकलेंगे।
- आज किसी को कुछ देने का संकल्प करेंगे।
- आज भगवान को याद रखेंगे।
” ये नव वर्ष हम सभी के लिए शुभ हो।“
मुस्कुराते हुए भक्ति ने कहा-
दादा जी! ये छोटे-छोटे संकल्प कितने प्यारे हैं, आपके साथ-साथ मैं भी इनको इस साल में हर दिन प्रैक्टिस करना शुरू करूँगी।
मेरा दिल कृतज्ञता से भर गया। जो संस्कार, जो अच्छी आदतें हम अपने बच्चों को नहीं दे पा रहे वो हमारे आध्यात्मिक मित्र कितनी सरलता, सहजता व प्रेम से आने वाली पीढ़ी को दे रहे हैं।
” स्वयं को बदलने का प्रयास करें,
साल तो हर साल बदलता है।“
पुत्र राजीव ने चरण स्पर्श करके नये साल की बधाई देते हुए कहा- पिताजी! इस नव वर्ष आप ऐसा आशीर्वाद दीजिये की अपने आध्यात्मिक मित्र द्वारा कराया ये संकल्प जो इस मैसेज में दिया है वो मेरे जीवन में चरितार्थ हो-
“पुराने साल को विदाई दें और नए साल को बधाई दें।“
पुराने साल में जो-जो हम से ग़लतियाँ हुईं, जो दुःख, हारी-बीमारी व तकलीफ़ हुए; उन सब को विदाई दें, उनसे सीखें, आगे बढ़ें, अपने जीवन को उन्नत बनायें। जिन लोगों से दुःख मिला उस से सीख कर उसको forgive and forget करके नये साल में एक नई उमंग, एक नए उत्साह के साथ पदार्पण करें।
“बीते समय से सीख लें,
नये साल में सुधार हो,
चलें हम श्रेष्ठ जीवन की ओर,
दृढ़ता का आधार हो।“
इस आने वाले वर्ष में हमारा भगवान से खूब प्रेम बढ़े, जितनी सेवा हो पाए उतनी सेवा करें और बिना राग-द्वेष के, बिना इच्छा-अहंकार के, खूब प्रेम से जीवन में आगे बढ़ें, खूब भगवान का स्मरण करें, खूब भगवतभाव बनायें, साथ ही भगवतदृष्टि बनायें;
“है ही भगवान, है ही भगवान, है ही भगवान“
जितनी सेवा हो पाये, उतनी सेवा करें, अपने मन को शांत व प्रसन्न रखें, भगवान को याद करते रहें-
’हे नाथ मैं आपको भूलूँ नहीं।’
’हे नाथ मैं आपका हूँ आप मेरे हैं॥’
मैंने श्रद्धा-प्रेम से अपने आध्यात्मिक मित्र, अपने सतगुरु को नमन किया और परिवार के सभी सदस्यों से कहा-
अपने पूज्य सतगुरु जी के आवाहन पर आज नव वर्ष की पावन बेला में हम सब मिलकर सर्वहित की भावना से हवन करेंगे और उसके बाद सामने जो ईंटों के भट्टे पर काम करने वाले ज़रूरतमंद परिवार हैं उनके लिए भण्डारा करेंगे।
हम सभी को नए साल की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ।
मेरे प्यारे आध्यात्मिक मित्र, मेरे प्यारे सतगुरु जी , आपका निष्काम प्रेम और सुन्दर मार्गदर्शन जीवन मे हर दिन होने वाली उन घटनाओं की तरफ कराता है जहाँ किसी के दिल को स्पर्श किया जा सकता है और अपनी झोली प्रेम व दुआओं से भरी जा सकती है। आप अपने आदर्श से इतनी प्यारी सुन्दर युक्तियाँ दे रहे हैं इस नए साल में। आपके अनन्त शुकराने ।
Radhey Radhey GURU bhagwanji apke prem ko hridya se vandan hai aap hi hamare aadhyatmik friend hai jo kuch seekha hai sab aap se hi seekha hai aapne hi hamare ander sarv hit ka bhaav dala hai is nav varsh per yahi sankalp hai ki hum apke dikhaye marg per chal sake aur ek achcha aur sacha insaan ban sake .shukrane GURU bhagwanji ??????????????????
हमारे आध्यात्मिक मित्र, हमारे प्यारे गुरु भगवान जी हर प्रकार से आप हमें जगाने का प्रयास कर रहे हैं, बहुत ही खूबसूरती से जागरूकता लाने वाला लेख है, आपकी कृपा हो और इस 2022 में हम बिलकुल वैसे बनें जैसे आप हमें बनाना चाहते हैं, बिल्कुल 0 होकर देते चलें ??
Thank you soo much Guru Bhagwan ji for this amazing article on New Year. ???
गुरु भगवान जी आप ही नए साल को शुरू करने का सही तरीका बताते हैं।
इतने सारे example से आप सिखाते हैं कैसे हम सबको देते चलें।
आप जैसे आध्यात्मिक मित्र मिलें हमें भगवान जी के अनंत शुक्राने हैं।
Guru bhagwan ji Guru maa ji ko hirdey se naman hai??
Bahut hi heart touching or inspiring blog hai
Aapke prem k anant shukrane hain aap hame Dena sikha rahe hain ki hum kaise or knha de sakte hain sach mai bhagwan ji aapki vishalta ko barambaar naman hai ??
बहुत बहुत बहुत ही हृदयस्पर्शी लेख है।मेरे भगवान का ही प्यारे आध्यात्मिक मित्र के रूप में जीवन में आना व जीवन सँवारना, सबसे बड़ी नियामत है , देन है छोटे छोटे से बदलाव से कैसे दिल बड़ा कर सकते हैं व किसी का दिल छू सकते हैं ये जीवन की कला मेरे गुरु भगवान जी व गुरु माँ जी आप ही सिखाते जा रहे हैं।
अनंत अनंत शुक्राने हैं भगवान जी। ???
Guru bhagwan ji ke prem ke anant shukrane hai ?
Bhagwan ji bhut hi sunder aur aasan tarika se sab roj mara ki bato ko aap ne bataya hai 2022 ko aap ne bhut hi sunder dhang se difine kiya hai ?
Aap ki Aseem kirpa hai
Aap ke in sab lekh se bhut sikhne ko milta hai ?
Guru Bhagvan ji avm Guru Maa ji k anant anant anant shukrane
Guru Bhagwan ji
Guru Ma ji
Many thanks for sharing an inspiring and meaningful article through many touching and emotional examples.
The small and easy to do new year resolutions shall uplift all of us spiritually thus improve our behaviour also.
Radhe Radhe Bhagwan ji.
प्यारे गुरूवर जी
प्यारी गुरु मां जी
बहुत ही खूबसूरती से,सरल भाषा में एक बहुत सुंदर लेख है ये।
जीवन में घटित होने वाली रोज़ मर्रा की घटनायों के माध्यम से सभी संदेश दिए गए।
दिल को टच कर गया ये लेख गुरुजी
दिल को छु लेने वाली हर बात। नए साल पर नयी उमंग। सबके चेहरे पर मुस्कान कैसे आए ये सीखते है हमारे अध्यात्मिक मित्र। देने में ही खुशी समायी है ये तो पता ही नहीं था। बहुत ही सुंदर संकल्प है जो आपने बताये। सारी पुरानी बातों को विदाई। हर सीख है इस लेख में। अनंत अनंत शुकराने मेरे आध्यात्मिक मित्र। ???♀️?
हे मेरे आध्यात्मिक मित्र! पूरे ब्लॉग में आपके प्रेम की सुगंध है,हमे सहजता से संकल्प कराने की मीठी मीठी महक हैसबके दिल को छूने वाली दिव्य वाणी है,जीवन को कैसे सरल व सहज बनाएं,इसकी युक्तियां हैं,जीवन को कैसे सर्वहित की भावना में लगाएं ये अमर संदेश हैं।
शब्द बहुत थोड़े हैं।हृदय से नमन है।
Guru Bhagwanji k prem k anant anant shukrane hai
सत्य वचन भगवान जी, देते देते जाना ही, मुक्त होने का एकमात्र मार्ग है।
कोटिशः नमन प्रणामः सद्गुरुभगवां जी,
आपने ही हमें जीना सीखा दिया, छोटे निष्ठुर दिल वाले को आपजी ने बड़े दिल वाला बना दिया।
पहले हम यह समझते थे कि हमारे पास कम है और चाहिए और चाहिए के पीछे भागते फिरते थे, अब जो है वो अधिक है। आपजी स्वयँ इतना देते हो और सभी के हाथों से कितना दिलाते हो इसे देख कर, इस मोह माया से मुक्त होने का मार्ग सीखा दिया। देते देते ही जाना है, मुक्ति का यही मार्ग है।
जय जय प्रभूजी, जय हो,
आप जी के अनन्त अनन्त शुक्राने हैं जी,
?????
हृदय में भावनाओं का ज्वार उठाने वाला लेख नहीं अनुभव है – आँखों में आंसू ही नहीं नहीं आये , हृदय तक झंझावात से भर गया ??
अपने आध्यत्मिक मित्र की सद्प्रेरणा से ही हम कुछ ऐसा अनुभव कर पाते हैं ??
वस्तु जो ली वो बाद में सुनने मिला महँगी ले ली पर जूते व मोजे निकल कर दिए तो उसने तुरंत पहन लिए , उस वक्त भी आंखें नम हो गई कि हमारे लिए बेकार वस्तु किसी के काम आ सकती है ।
Thanks a ton from the bottom of my heart for inspiring us to become true to ourselves ?? thanks again
गुरू भगवान जी के शुक्राने
हमारे इन आध्यात्मिक मित्र, हमारे प्रिय गुरु भगवान के अनंत अनंत शुक्राने है जिन्होंने हमे निष्काम सेवा करना सिखाया। आपकी कृपा से गुरु भगवान, देना भी थोड़ा थोड़ा सीख पाए है। इस वर्ष पूरा प्रयास रहेगा कि २०२२ के इन संकल्पों पर अपने जीवन को अग्रसर करेंगे। आपकी कृपा के अनंत अनंत शुक्राने है। ?
For the guidance and understand about the mahima of Bhagwan ji
Guru bhagwan ji key anant anant shukrane hn 11??